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अक्सर आप लोगो ने अपने दादा–दादी ,नाना–नानी से कहानिया जरूर सुनी होगी, भूतो के बारे में और आपको वो कहानिया काफी रोमांचित लगती होंगी। ऐसे ही में आपको कुछ ऐसे जगहों के बारे में बताऊंगा जो की बहुत डरावनी जगहों में से एक है।
जो इस प्रकार है–
आप यकीन नहीं करेंगे पर में जो आपको बताऊंगा वही सच है। एक ऐसा जंगल जो लोगो को खुदकुशी करने पर मजबूर करता है जी हां आपने सही सुना आपने,यह जंगल है जापान के माउन्ट फुजी की तलहटी में बसा ओकिहरा का जंगल ।
इस जंगल को सुसाइड फारेस्टभी कहते है। इस जंगल में हर साल कई लोग ख़ुदकुशी कर लेते है। अभी तक केवल एक ही बार सरकारी आंकड़े घोषित किये गए है वो है सन 2004 का आंकड़ा, इस आंकड़े के मुताबिक जंगल में 108 लाशें मिली थीं।
एक ऐसा जगह जो भुतहा जगहों में काफी शुमार है।इसके बारे में कहा जाता है की सन 1885 में इस रियासत का निर्माण हुआ ,और इसके बाद से यहाँ काफी छोटी– मोटी घटनाओ की शुरुआत हो गयी थी। मोंटो क्रिस्टो का मालिकाना परिवार यहाँ सन 1948 तक ही रहे।
इसी दौरान इनको कई दुखद घटनाओं का सामना करना पड़ा। इस घर के नौकरानी की बालकनी से गिरने से मौत हो गई।इसके बाद एक बच्चे की सीढ़ी से गिरने से मौत हो गई। घोड़ो की देख –रेख करने वाले नौकर की मौत हो गई, ऐसे कई घटनाएं घटी।
अंततः ये सब देख कर क्रेवले परिवार ने यह जगह सन 1948 में छोड़ दिया। इनके बाद भी कुछ लोग आये और उनके साथ भी ऐसा ही हुआ। तभी से यह जगह एक दम खाली पड़ी है।
लंदन में स्थित 900 साल पुराना यह टावर काफी डरावना है।यहाँ पर कई आत्माओ का बसेरा है। यह जगह इंग्लैण्ड के भूतिया जगहों में प्रसिद्ध है। इस टावर का निर्माण राजा बिलियम सन 1078 में करवाया था ,इसके कुछ समय बाद से ही यहाँ पर इस टावर के लिए कितने खून– कत्ल हुए।
इसी वजह से यह टावर आत्माओ का घर हो गया। सन 1536 में बोलिंन का सिर काट कर अलग कर दिया था, जो राजा हेनरी की पत्नी थी। इसके बाद से यहाँ पर एक सफ़ेद कपडे पहनी औरत को देखने का काफी दावा किया जाता था। धीरे–धीरे यहाँ पर कई डरावनी घटनाए होती गई,तब से यह टावर काफी भुतहा जगहों में शुमार है।
यह हॉस्पिटल सिंगापुर का है, जो सिंगापुर के नार्थवन रोड के किनारे बसे चंगी गांव में है। इस हॉस्पिटल को सन 2930 में बनवाया गया था तथा इसका नाम गांव के ही नाम पर रख दिया गया था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान ने इस हॉस्पिटल पर कब्ज़ा कर लिया ,और इसे एक सेना का हॉस्पिटल बना दिया गया।
यहाँ हजारो की संख्या में घायल सैनिको को इलाज के लिए लाया जाता था। यहाँ पर उतनी सुबिधाये न होने की वजह से काफी सैनिक मरने लगे, और हॉस्पिटल में एक भयंकर बीमारी फ़ैल गयी। जिसका शिकार हॉस्पिटल के डॉक्टर ,नर्स सभी हो गए और धीरे –धीरे मरने लगे। तब से यह जगह एक बीरान खंडहर में बदल गया। और आज भी यहाँ, कई लोगो को देखने का दावा किया जाता है।
यह गुफा कनाडा के नियाग्रा फाल के पद टोरेंटो एवं न्यूयार्क से मिलने वाली रेलवे के नीचे है। उसकी लंबाई 125 फीट तथा ऊंचाई 16 फीट है। इस गुफा को सन 1900 में बनाया गया था, पानी को खेतों तक पहुचाने के लिए। कहा जाता है कि गुफा के दक्षिण तरफ एक बार आग लग गई थी।
आग कैसे लगी किसी को नहीं मालूम था। इस आग की चपेट में फार्म हाउस में रह रही लड़की आ गयी,और वह आग से बचने के लिए गुफा की तरफ भागी और गुफा में कूद गई ,गुफा सूखने की वजह से उसकी मौत हो गयी। इस घटना के बाद गुफा का दक्षिण भाग भुतहा मने जाने लगा। इस जगह पर आग जलना वर्जित है,यदि कोई कोशिश भी करता है तो उसकी अज्ञात मौत हो जाती है। लोगो का कहना है यहाँ पर जलने कि बदबू ,चीखने की आवाज़ आती है।
भारत में ,राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का यह किला काफी डरावना है। यहाँ के सरकार के आदेशानुसार यहाँ पर शाम 6 बजे के बाद किसी को रुकने की इजाजत नहीं दी जाती है। इस किले का निर्माण सन 1573 में राजा भगवन्त दास ने कराया था। लोग इस किले के बारे में बताते है कि, यहाँ की राजकुमारी रत्नावती बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी।
इसी राज्य में एक तांत्रिक रहता था, जिसका नाम सिंधिया था। सिंधिया राजकुमारी को देखकर उन पर फ़िदा हो गया था। एक दिन राजकुमारी के लिए तेल खरीदने गई दासी को सिंधिया ने तेल में कुछ मन्त्र करके दे दिया ,ताकि राजकुमारी उसकी तरफ मोहित होकर खींची चली आवे।
लेकिन जब दासी उस तेल को महल में ले जा रही थी ,तभी रास्ते में तेल की शीशी उसके हाथ से छूट कर एक बड़े पत्थर पर गिर गई।
तेल गिरने की वजह से वो पत्थर सिंधिया की तरफ खींचा चला आया,और उस बड़े पत्थर के नीचे दब गया। पत्थर के नीचे दबने के बाद तांत्रिक ने पूरे नगर को शाप दे दिया ,और तांत्रिक की दबने की वजह से मौत हो गयी। सिंधिया के मौत के बाद भानगढ़ का कोई भी ब्यक्ति जीवित नहीं रहा। इसलिए आज भी यह किला बीरान पड़ा है।कई लोग यहाँ राजकुमारी रत्नावती को देखने का दावा भी करते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में स्थित यह पागल खाना डरावनी जगहों में एक अलग स्थान रखता है। यह पागलखाना सन 1867 से लेकर 1995 तक एक मेन्टल हॉस्पिटल था। इस हॉस्पिटल में लगभग 1200 मरीज़ों की रहने की ब्यवस्था थी। सन 1867 से 1995 के बीच लगभग 9000 मरीजो की मृत्यु हुई थी ,तब से यहाँ पर कई मरीजो की आत्माएं भटकती है। यहाँ अभी भी लोग जाने से डरते है।
इटली देश के बेनिस और लूडो के बीच एक द्वीप स्थित है ,जिसे पोवेगलिया द्वीप कहते है।इस द्वीप पर मनुष्य का आगमन सन 421ई में ही हुआ था। बेनिस में रहने वाले लोगो पर जब प्लेग नामक बीमारी फैली तो काफी लोगो को इसी द्वीप पर लाकर छोड़ दिया गया।जिसके वजह से इस द्वीप पर भी बीमारी फ़ैल गयी और काफी तादाद में लोगो की मृत्यु हो गयी।
सन 1800 में बेनिस की सरकार ने यहाँ एक पागलखाना बनवाया। काफी लोग उस पागलखाने के बारे में बताते थे,की वह पागल खाना नहीं बल्कि लोगो पर शोध किया जाने वाला हॉस्पिटल था। सन 1930 में एक डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली,जिसके बाद हॉस्पिटल बंद हो गया। इसके कुछ समय बाद यहाँ पर बृद्धा आश्रम खोला गया,लेकिन अजीबो –गरीब घटनाओं की वजह से सन 1975 में आश्रम बंद कर दिया गया। तब से लेकर आज तक यह बीरान पड़ा है। काफी लोग इस द्वीप का नाम लेने से भी डरते है।
मेक्सिको सिटी से लगभग200 किलोमीटर दूर स्थित यह द्वीप काफी डरावना है। यहाँ पर हजारों की संख्या में गुड़िया हैं,जो आपको वहाँ की पेड़ पर लटकते मिलेंगी। ये कोई साधारण गुड़िया नहीं है, बल्कि आपको ये अजीबो–गरीब घूरते दिखाई देंगी।इस नज़ारे को देखकर आपके होश उड़ जाएंगे।कहा जाता है कि उस आइसलैंड पर एक लड़की की लाश मिली थी,जिसके पास एक गुड़िया भी थी।
उस आइसलैंड की रखवाली करने वाले आदमी ने उस लड़की को दफना दिया, तथा उसके गुड़िये को एक पेड़ पर टांग दिया। कुछ समय बाद उसको, उस लड़की के डरावने सपने आने लगे,इसके बाद आदमी ने कई सारे डॉल लाकर पेड़ पर टांग दिया।कुछ सालों बाद उस आदमी की मौत रहस्मयी तरीके से हो गयी। जिसके बाद से यह गुड़िये का द्वीप काफी डरावना हो गया।
यह हॉस्पिटल अमेरिका में स्थित है, जो की एक साईक्रीस्टिक हॉस्पिटल है।सन 1931 में खुले इस हॉस्पिटल में हमेशा अजीबो–गरीब घटनाये होती थी।किसी का आकस्मिक मौत होना,गायब हो जाना यहाँ पर आम बात थी। तब से यह हॉस्पिटल वीरान पड़ा है।