रासो साहित्य की प्रमुख विशेषताएं

 

  • यह साहित्य मुख्यतः चारण कवियों द्वारा रचा गया
  • इन रचनाओं में चारण कवियों की संकुचित मानसिकता का प्रयोग देखने को मिलता है
  • इन रचनाओं में ऐतिहासिकता के साथ-साथ कवियों द्वारा अपनी कल्पना का समावेश भी किया गया है
  • रासो साहित्य की अधिकांश रचनाएं संदिग्ध एवं अर्ध प्रमाणिक मानी जाती है|
  • इन रचनाओं में युद्ध है प्रेम का वर्णन अधिक किया गया है
  • इन रचनाओं में डिंगल और पिंगल शैली का प्रयोग हुआ है
  •  इन रचनाओं में चारण कवियों द्वारा अपने आश्रयदाता के शौर्य एवं ऐश्वर्य का अतिश्योक्ति पूर्ण वर्णन किया गया है
  •  इनमें विविध प्रकार की भाषाएं एवं अनेक प्रकार के छंदों का प्रयोग किया गया है
  • इन रचनाओं में वीर व श्रंगार रस की प्रधानता है